नोएडा और दिल्ली में एक बड़े एडल्ट कंटेंट नेटवर्क का खुलासा हुआ है। ED (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में पता चला कि दो डायरेक्टर कपल अश्लील कंटेंट का ऑनलाइन स्ट्रीमिंग बिजनेस चला रहे थे। इस बिजनेस से वे करोड़ों की कमाई कर रहे थे। जांच में यह भी सामने आया कि इस नेटवर्क के जरिए 15.6 करोड़ रुपये के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किए गए थे। इतना ही नहीं, नीदरलैंड के एक बैंक खाते में 7 करोड़ रुपये जमा होने की जानकारी भी मिली है। रैकेट का पर्दाफाश
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Toggleकैसे काम करता था यह नेटवर्क?
इस कपल ने अलग-अलग मॉडलों को ऑनलाइन हायर किया और उनसे एडल्ट कंटेंट शूट करवाया। इसके बाद यह कंटेंट विदेशी पॉर्न साइट्स पर लाइव स्ट्रीम किया जाता था। हर मॉडल को इस काम के लिए 1 से 3 लाख रुपये प्रति माह मिलते थे, जबकि कपल इस कमाई का 75% हिस्सा खुद रखता था। बाकी की रकम एडिटिंग, मॉडल, सेट और अन्य खर्चों के लिए इस्तेमाल की जाती थी।
ED की छापेमारी से हुआ खुलासा
ED की टीम ने इस कपल के आलीशान नोएडा स्थित घर पर छापा मारा, जहां से कई डिजिटल डिवाइसेस, बैंक ट्रांजैक्शन की जानकारी और एडल्ट कंटेंट बनाने से जुड़े साक्ष्य मिले। यह कपल एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और टेलीग्राम ग्रुप के जरिए मॉडल्स की भर्ती करता था।
अवैध पॉर्न इंडस्ट्री का बढ़ता कारोबार
भारत में अश्लील कंटेंट से जुड़ी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है, फिर भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए यह गोरखधंधा तेजी से फैल रहा है। इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ऑनलाइन पॉर्न इंडस्ट्री पर नियंत्रण कैसे लगाया जाए।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
ED अब इस पूरे नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान करने और पैसों के लेन-देन की विस्तृत जांच कर रही है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस नेटवर्क का संबंध किसी अंतरराष्ट्रीय अश्लील कंटेंट सिंडिकेट से है।
यह मामला भारत में ऑनलाइन अश्लील कंटेंट से होने वाली कमाई और उसकी वैधता को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ सकता है।