Apara Ekadashi Vrat Katha 2025: यहां पढ़ें पूरी व्रत कथा, शुभ योग और पूजा विधि

Apara Ekadashi Vrat Katha

अपरा एकादशी, जिसे अचला एकादशी भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अत्यंत पुण्यदायी तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत से: Apara Ekadashi Vrat Katha

  • सभी पाप नष्ट हो जाते हैं
  • नरक जाने से मुक्ति मिलती है
  • मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है

परा एकादशी की संपूर्ण व्रत कथा (Apara Ekadashi Vrat Katha in Hindi)

युधिष्ठिर का प्रश्न:

“हे जनार्दन! ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम क्या है? कृपया इसका माहात्म्य बताइए।”

भगवान श्रीकृष्ण का उत्तर:

“राजन्! यह एकादशी ‘अपरा’ कहलाती है। यह महान पुण्य देने वाली और पातकों का नाश करने वाली है। ब्रह्महत्या, झूठी गवाही, परनिंदा जैसे महापाप भी इस व्रत से दूर हो जाते हैं।”

शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान वामन (विष्णु) की पूजा करता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है और विष्णुलोक की प्राप्ति करता है।

अपरा एकादशी व्रत की विधि

व्रत की मुख्य क्रियाएँ:

  1. प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें
  2. भगवान विष्णु की पूजा करें (तुलसी, पीले फूल, भोग चढ़ाएं)
  3. ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें
  4. दिनभर उपवास रखें – फलाहार करें या निर्जल व्रत
  5. भजन-कीर्तन करें
  6. संध्या के समय दीप जलाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें
  7. अगले दिन ब्राह्मण को भोजन करवाकर व्रत पारण करें

आज के शुभ योग – 28 मई 2025

  • उत्तराभाद्रपद नक्षत्र – शाम 4:02 बजे तक
  • प्रीति योग – शाम 6:36 बजे तक

इन योगों में व्रत कथा का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है। जो व्यक्ति इन योगों में श्रद्धापूर्वक व्रत करता है, उसे अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।

🛕 व्रत रखने के लाभ

✅ जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति
✅ मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति
✅ भगवान विष्णु की कृपा
✅ प्रेत योनि से छुटकारा
✅ शुभ संतान की प्राप्ति (मान्यतानुसार)

📜 शास्त्रीय संदर्भ और उद्धरण

  • पद्मपुराण: “अपरा एकादशी व्रत करने से सहस्त्र गोदान के बराबर फल मिलता है।”
  • विष्णु पुराण: “यह व्रत मृतात्माओं को भी मोक्ष प्रदान करता है।”

🙏 उपसंहार

अपरा एकादशी व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का माध्यम है। इस दिन का व्रत, पूजा, और कथा का श्रवण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि आप इस एकादशी पर व्रत रख रहे हैं, तो श्रद्धा और नियमों के साथ इसे निभाएं और भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त करें।

📌 विशेष सूचना:
यह लेख धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित है। कृपया इसे व्यक्तिगत विवेक और श्रद्धा के अनुसार अपनाएं।

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